Rajdoot 70 के दशक में देश में सिर्फ कुछ ही विदेशी या ब्रिटिश बनी बाइक देखने को मिलती थीं। बीएसए जैसी कंपनियों की बाइक कुछ अमीर लोगों के गैरेज की शान हुआ करती थीं और रॉयल एनफील्ड बुलेट भी कम ही लोगों की पहुंच में थी। लेकिन फिर आया बदलाव का दौर। एक नई बाइक आई, जिसे चलाना आसान था, वज़न कम था और एक नए तरह के कार्बोरेटर ने इसे खास बना दिया। इस बाइक के पीछे लोग दीवाने हो गए। शहरों के साथ-साथ गांवों में भी लोग महीनों इंतज़ार करते थे इसे खरीदने के लिए। इस बाइक के लुक्स में भी काफी बदलाव आए और कई ऐसे डिज़ाइन इसी बाइक से शुरू हुए जो आज स्लीक बाइक्स में देखने को मिलते हैं।
हम बात कर रहे हैं राजदूत की। पूरा नाम था राजदूत एक्सेल टी। ये बाइक जो कभी देश की सड़कों पर गर्व से दौड़ती थी, करीब 30 साल तक बनी रही। इसे एस्कॉर्ट और यामाहा ने मिलकर बनाया था। इसके बाद यामाहा की दूसरी बाइक्स भी भारत आईं। आज राजदूत की चर्चा इसलिए है क्योंकि खबरें आ रही हैं कि सड़कों की रानी फिर से वापसी करने वाली है। हालांकि एस्कॉर्ट अब सिर्फ ट्रैक्टर और दूसरे कमर्शियल वाहन बनाती है लेकिन अब खबर है कि राजदूत को नए डिज़ाइन और तकनीक के साथ तैयार किया जा रहा है।
हालांकि कंपनी ने अभी तक राजदूत लॉन्च करने की कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इसे अगले एक साल में दिखाया जा सकता है और फिर जल्द ही लॉन्च करके डिलीवरी भी शुरू हो जाएगी। आइए जानते हैं कि ये बाइक इतनी खास क्यों थी और लोग इसके दीवाने कैसे हुए।
शानदार तकनीक वाला इंजन
इस बाइक में पहली बार ऐसा कार्बोरेटर इस्तेमाल हुआ जो दो चैनल वाला था। यानी हवा और पेट्रोल का मिश्रण परफेक्ट होता था और बाइक बेहतरीन माइलेज देती थी। इसमें लगा था 173 सीसी का इंजन जो हल्का और काफी दमदार था। बाइक का वज़न कम होने की वजह से इसका पिकअप बहुत अच्छा था। साथ ही टू-स्ट्रोक इंजन होने की वजजह से इसमें काफी पावर थी, जिसकी वजह से ये किसी भी सड़क पर परफेक्ट राइड थी, चाहे वो पक्की हो या कच्ची। बाइक में 13 लीटर का पेट्रोल टैंक था जिसकी वजह से ये एक बार में 700 किलोमीटर तक चल सकती थी।